रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने दी चेतावनी, व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करने के प्रयासों को माना जा रहा है ‘युद्ध की घोषणा’

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रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने चेतावनी दी है कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) द्वारा उनके खिलाफ वारंट जारी किए जाने के बाद विदेशों में व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करने के प्रयासों को मास्को द्वारा ‘युद्ध की घोषणा’ के रूप में देखें जाने की बात कही है. 2008 से 2012 तक रूस के राष्ट्रपति रह चुके मेदवेदेव ने पुतिन द्वारा बार-बार परमाणु धमकियां जारी करने के लिए यूक्रेन में सेना भेजने के बाद से तेजी से आक्रामक भाषण देते रहे हैं. बुधवार को, उन्होंने घोषणा किया कि अगर पुतिन को गिरफ्तार किया जाता है तो रूसी हथियार यूक्रेन के साथ साथ अंतराष्ट्रीय कोर्ट पर भी हमला कर सकता है.

द हेग स्थित आईसीसी ने पिछले हफ्ते यूक्रेन के बच्चों को डिपोर्ट करने के आरोप में रूसी नेता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की घोषणा की थी. उधर पुतिन के करीबी दमित्री मेदवेदेव ने टेलीग्राम पर जारी एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने एक परमाणु शक्ति संपन्न ताकत के राष्ट्रपति पर ट्रायल चलाने का फैसला किया है, जबकि हम उसका हिस्सा भी नहीं हैं. मेदवेदेव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के जजों को एक बड़ी परमाणु शक्ति के खिलाफ कदम नहीं उठाना चाहिए. उन्होंने अंतराष्ट्रीय कोर्ट से कहा, ‘ऐसा भी हो सकता है कि उत्तरी समुद्र से एक हाइपरसोनिक रूसी मिसाइल हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत पर गिर जाए. मेदवेदेव ने अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के जजों को आसमान पर निगाह रखने की सलाह दी है.’

किसलिए जारी हुआ गिरफ़्तारी वारंट
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छोड़ने और यूक्रेनियन बच्चों के डिपोर्ट करने के कारण अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. हालांकि इस गिरफ्तारी वारंट पर रूसी सरकार ने कहा है कि वह आईसीसी के क्षेत्राधिकार को नहीं मानता. उधर, पुतिन के करीबी मेदवेदेव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी पुतिन के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को सही ठहराया है.


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