मुख्यमंत्री धामी की सत्ता में वापसी का मूल मंत्र भी प्रधानमंत्री मोदी की ही तरह सबका साथ सबका विकास था पर इस मूल मंत्र को बीजेपी के कुछ नेताओं नें धामी का साथ और केवल अपना विकास बना कर अपना ही सर्वांगीण विकास करने की ठान ली है। अगर सूत्रो की माने तो बीजेपी के प्रदेश मंत्री और रुद्रपुर के पूर्व मेयर पति नें अपनी सत्ता के हनक के चलते रुद्रपुर शहर से सटे इलाकों में अपनी अवैध कॉलोनिया काटनी शुरू कर दी हैं और वहीं सरकार के हुकमरानो को या तो इसकी भनक नहीं है या वो भी सत्ता के दबाव में आँखे मूंदे बैठे हैं।
लूट का खेल भी इस कदर खेला जा रहा है की इन नेताओं नें पूरी प्लानिंग के तहत रुद्रपुर शहर के चौ तरफा विकास के प्लान के साथ ही अपने विकास का खांका भी बना लिया था। और यही वजह है की जहाँ एक तरफ रुद्रपुर में रिंग रोड का निर्माण शुरू हुआ तो वहीं दूसरी तरफ इन नेताओं नें रिंग रोड से लगे एरिया रामनगर( भमरोला ) और मेडिसिटी हॉस्पिटल के पीछे अपनी कॉलोनीयों को विकसित करना शुरू कर दिया। नियमानुसार जिनका अब तक ना तो प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृति है और ना ही उसके बाद इन कॉलोनीयों को रेरा में रजिस्टर ही करवाया गया है। पर सत्ता की पावर से अवैध कॉलोनीयों में धड़ल्ले से लोगों को प्लाट भी बेचे जा रहे हैं।
जिला प्राधिकरण यूँ तो एक तरफ कई अवैध कॉलोनीयों पर तोड़क कार्यवाही करता है जो नियमसंगत सही भी है पर वहीं जब सत्ताधारी नेताओं की अवैध कॉलोनीयों पर कार्यवाही की बात आती है तब प्राधिकरण के अधिकारी सत्ता के दबाव में इन नेताओं के सामने बोने साबित होते हैं। बता दें कि रुद्रपुर में भी ऐसा ही देखने में आ रहा है जहाँ मुख्यमंत्री धामी के करीबी और बीजेपी के प्रदेश मंत्री द्वारा अपने भाई के नाम पर और पूर्व मेयर पति द्वारा सत्ताधारी पार्टी का स्टैम्प लगा कर रुद्रपुर से सटे रामनगर ( भमरोला ) में लगभग 5 एकड़ में और मेडिसिटी के पीछे लगभग 2 एकड़ में सिर्फ कागजो में ही बनाई गई कॉलोनीयो में प्लाट काट कर ना केवल सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है बल्कि वहीं इन कॉलोनीयों में ना मानको के अनुरूप किसी भी मूलभूत सुविधा का निर्माण किया जा रहा है और ना ही इन कॉलोनीयों का मानचित्र ही अब तक प्राधिकरण द्वारा स्वीकृति कराया गया है। और केवल कागजो में ही उत्तराखंड की भोली भाली जनता को 10-12 हजार गज के हिसाब से प्लाट बेचे जा रहे हैं।
प्राधिकरण भी मुख्यमंत्री के करीबियों के सामने नतमस्तक और मूक बधिर से दिखाई देते हैं। और यही वजह है कि बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा साधू और बाबा के भेष में जमीनों की खरीद फरोख्त का काम बेखौफ चल रहा है। बस जनता को दिखाने के लिए मुख्यमंत्री धामी के साथ ख़िची फोटो से बनी पहचान के बल पर ही भोली भाली जनता को प्लाट बेचे जा रहे हैं और यही जनता बाद में मूलभूत सुविधाओं से वंचित इन कॉलोनीयों में धीरे धीरे अपने आशियाने बनाएंगे पर अव्यवस्थाओ के लिए प्रशासन और सरकार के चक्कर भर काटते रह जायेंगे।