हेल्थ टिप्स ::- शमी के पौधे और उसकी पत्तियों का इस्तेमाल ज्यादातर पूजा-पाठ में किया जाता है। इस पौधे में कई औषधीय गुण भी हैं। आयुर्वेद में भी शमी का महत्व बताया गया है। इसे सफेद कीकर, खेजडो, समडी, शाई, बाबली, बली, चेत्त आदि भी कहा जाता है।
कफ-पित्त विकार, खांसी, बवासीर, दस्त आदि में शमी के फायदे ले सकते हैं। इसके साथ-साथ रक्तपित्त, पेट की गड़बड़ी, सांसों की बीमारियों में भी शमी से लाभ मिलता है।
स्किन – खुजली होने पर इसकी पत्तियों का लेप बनाकर लगा सकते हैं। शमी की पत्तियों को दही के साथ पीसकर लेप बनाएं और खुजली वाले स्थान पर लगाएं।
जहर – जहर उतारने के लिए भी इसका प्रयोग कर सकते हैं। शमी के पत्तों को नीम की पत्तियों के साथ पीसकर इसका रस अगर रोगी को पिलाया जाए, तो जहर का असर कम हो जाता है
पेशाब संबंधी समस्या होने पर शमी के फूलों को दूध में उबालकर, ठंडा होने पर पिसा हुआ जीरा मिलाकर रोगी को दिया जाता है।