हेल्थ टिप्स ::- आंखों में सफेद वाला रंग हल्का पीलापन में बदलने लगे तो यह एक केमिकल के कारण होता है जो ज्यादा चिंता की बात नहीं है। जब शरीर के अंदर लाल रक्त कोशिकाएं या आरबीसी टूटने लगती है तो इससे बिलीरुबिन नाम का केमिकल बनता है। आमतौर पर इससे कोई खास नुकसान नहीं होता क्योंकि लीवर बिलीरुबिन केमिकल को खून से छान लेता है और इससे बाइल बना लेता है।
अगर खून में बहुत अधिक मात्रा में बिलीरुबिन जमा होने लगे और लीवर इसे जल्दी से बाहर निकालने में सक्षम न हो तो यह जॉन्डिस या पीलिया का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आंखें ज्यादा पीली होने लगती है। इसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
उभरी हुई आंख- आंखों के उभरी हुई दिखने की वजह थाइरॉयड हो सकता है। थाइरायड ग्रंथि की अति सक्रियता के कारण आंखों में उभार आता है। आंखे उभरी हुई दिख रही हों और उसके साथ थकान, वजन कम होना या बढ़ना, बार-बार भूख लगना जैसे लक्षण दिखते है।
आंखों में थकावट- आंखों में थकावट एक आम लक्षण है जो ज्यादातर लोगों के साथ दिखाई देती है, इसका कारण आंखे पूरी तरह से विकसित होने में विफल है जिसके कारण ऐसे संकेत नजर आ रहे हैं। ये समस्या ज्यादातर बच्चों में दिखाई देती है। अगर लंबे समय तक आंखों पर थकावट के साथ रहते हैं तो आंखों की रोशनी पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।
धुंधला दिखाई देना- कई कारणों की वजह से लोगों को धुंधला दिखाई दे सकता है अगर उजाले या अंधेरे में धुंधला दिखाई देता है तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। माइग्रेन, स्ट्रोक आदि की समस्या होने पर भी व्यक्ति को धुंधला नजर आने लगता है। नजरअंदाज करने पर यह ब्रेन ट्यूमर की शिकायत होने पर भी धुंधला नजर आने लगता है।
आंखों में फीकापन- आंख का सफेद भाग, जिसे स्क्लीरा कहा जाता है स्वस्थ होने पर सफेद रंग का होना चाहिए। लेकिन आंखे फीकी या काफी थकी-थकी नजर आती हैं तो यह खराब खानपान और नींद की कमी की ओर इशारा करता है आंखों के सफेद भाग का लाल हो जाना रक्त वाहिकाओं के फटने के कारण हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल अधिक – जब आंखों में कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, तो आंखों के आइरिस के चारों ओर सफेद, ग्रे या नीले रंग का रिंग बन सकता है। यह उम्र बढ़ने का एक सामान्य संकेत है। शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक होने का रिस्क बढ़ सकता है।