झारखंड की पूर्व राज्यपाल और उड़ीसा राज्य की मंत्री रह चुकी द्रोपदी मुर्मू को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद महिला और आदिवासी क्षेत्र से संबंधित मुर्मू को प्रत्याशी चुनने पर सहमति बनी।
एनडीए के उम्मीदवार का राष्ट्रपति बनाना तकरीबन तय है। विपक्ष की ओर से देश के सबसे बड़े पद के लिए मंगलवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम की घोषणा की गई। अगर मुर्मू मुकाबले में सफल हुईं तो वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी।
18 मई 2015 को झारखंड की राज्यपाल के रूप में शपथ लेने के पहले द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा में दो बार विधायक और एक बार राज्यमंत्री के रूप में काम कर चुकी थीं। राज्यपाल के तौर पर पांच वर्ष का उनका कार्यकाल 18 मई 2020 को पूरा हो गया था। अपने पूरे कार्यकाल में वह कभी विवादों में नहीं रहीं। वह राज्यपाल नियुक्त होने वाली पहली महिला आदिवासी नेता रही हैं। निर्वाचित होने के बाद द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। इसके अलावा वे ओडिशा से भी प्रथम राष्ट्रपति होंगी।