सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना रोधी वैक्सीन कोवोवैक्स और बायोलाजिकल-ई की कोर्बेवैक्स को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा मंगलवार को शर्तों के साथ इमरजेंसी यूज को मंजूरी मिल गई थी। साथ ही डीसीजीआइ ने एक एंटी वायरल दवा मोलनुपिराविर के इमरजेंसी यूज को भी मंजूरी दी थी। जिस पर डा. डैंग्स लैब के सीईओ डा. अर्जुन डैंग द्वारा DCGI के इस कदम का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि वे कार्बेवैक्स वैक्सीन के लिए सेंट्रल लैब के तौर पर इस महत्वपूर्ण यात्रा का हिस्सा बनकर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं।
डा. अर्जुन ने कहा कि डा. डैंग्स लैब में कार्बेवैक्स वैक्सीन के तीनों चरणों के ट्रायल में स्क्रीनिंग और सुरक्षा व इम्यूनोजेनेसिटी टेस्ट हुए है। डैंग्स लैब ने कार्बेवैक्स के सभी तीन चरणों के लिए स्क्रीनिंग सुरक्षा और कई इम्युनोजेनेसिटी परीक्षण किए जो बहु-केंद्रित थे। डैंग्स लैब ने निर्बाध परियोजना प्रबंधन, समय पर परिणाम प्रस्तुत करना, सटीक प्रयोगशाला परख और कुशल जैव-भंडार प्रबंधन सुनिश्चित किया।
डा. अर्जुन ने कहा कि हमारी प्रयोगशाला में हर क्षेत्र के प्रख्यात विशेषज्ञ हैं और इनके द्वारा ही सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन के विकास के लिए समय पर काम पूरा किया। कार्बेवैक्स तीसरी स्वदेशी वैक्सीन है। इससे पहले देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और जायडस कैडिला के जायकोव-डी के कोरोना रोधी टीके को अनुमति दी जा चुकी है।