पौराणिक मान्यता के अनुसार एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। महाभारत के समय स्वंय भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर और अर्जुन को इस व्रत के महामात्य के बारे में बताया था। एकादशी का व्रत सूर्य उदय के बाद प्रारंभ किया जाता है और द्वादशी की तिथि पर इसका पारण किया जाता है आज आमलकी एकादशी है, पंचांग के अनुसार आज प्रात: 9 बजकर 14 मिनट पर एकादशी की तिथि समाप्त हो रही है।
उदयातिथि के अनुसार आमलकी एकादशी व्रत आज
फाल्गुन मास में पड़ने वाली दूसरी एकादशी को आमलकी एकादशी भी कहा जाता है। उदयातिथि के अनुसार इस बार आमलकी एकादशी व्रत 3 मार्च यानि आज रखा जाएगा। एकादशी की तिथि विष्णु भगवान की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी, इस दिन करें ये काम
आमलकी एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भोलनाथ और पार्वती माता को गुलाल रंग अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं, और घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
आमलकी एकादशी के दिन पीली चीजों का दान करें
आमलकी एकादशी के दिन पीली चीजों का दान करना चाहिए, इस दिन केला, केसर या हल्दी का दान करना उत्तम माना जाता है। साथ ही आंवले का भी दान करना चाहिए। इन चीजों के दान से पुण्य फल मिलता है।
आमलकी एकादशी पर इन चीजों का दान भाग्य को चमकाएगा
एकादशी तिथि के लगते ही एकादशी का व्रत शुरु हो जाता है इस दिन विष्णु भगवान की पूजा अर्चना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। जो लोग इस दिन व्रत करते है या पीली चीजों का दान करते हैं उनको धन-धान्य की प्राप्ति के साथ-साथ श्री हरि विष्णु भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है।
एकादशी की तिथि शुरु आज 3 मार्च को आमलकी एकादशी
आमलकी एकादशी तिथि 2 मार्च, 2023 सुबह 6.28 मिनट से शुरु हो चुकी है, जो 4 मार्च सुबह 9.09 तक चलेगी। आमलकी एकादशी का व्रत 3 मार्च यानि आज के दिन रखा जाएगा। उदयातिथि के अनुसार इस बार व्रत 3 मार्च को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से और विष्षु भगवान की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।