कल से रुद्रपुर शहर में एक मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ था। जब कल पुलिस ने बीजेपी नेता और रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा के करीबी और भतीजे मोहित कक्कड़ को पुलिस ने हिरासत में लिया। एक दम से शहर में ये बात आग की तरह फैल गई। मामला था करीब 20 वर्ष पुराना फरवरी 2004 का जिसकी कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कल शाम से ही कोर्ट परिसर कई बीजेपी नेताओं और समर्थको से भरा पड़ा था और माहौल तब और पशोपेश वाला हों गया जब सोमवार शाम जज सुशील तोमर ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए मंगलावार की तारीख दे दी। सभी बीजेपी नेताओं और मोहित कक्कड़ के करीबियों में भी कल से हलचल मची रही।
हालांकि रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा कल और आज दोनों दिन शहर में होते हुए भी प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट से दूरी बनाते दिखे, जिससे की उनके विरोधियों को उन पर उंगली उठाने का मौका ना मिले। पर उनके करीबी कहे जाने वाले उनके भतीजे मोहित कक्कड़ के मामले में अन्य कई बीजेपी नेताओं का जमावड़ा कोर्ट परिसर में रहा।
क्या था मामला
मामला 21 फरवरी 2004 का है।जब गल्ला मंडी रुद्रपुर निवासी तेल मिल स्वामी किशन चंद अग्रवाल ने अपने बेटे तरुण बिंदल की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जो की रामनगर पेमेंट लेने गया था। पर जब 22 फरवरी 2004 को तरुण बिंदल की लाश सुल्तानपुर पट्टी के पास मिली तो पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ लूट और हत्या की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया। 25 फरवरी 2004 बाजपुर में जब पुलिस ने वर्तमान में बीजेपी नेता मोहित कक्कड़ और मोहित कक्कड़ उर्फ़ विक्की और एक अन्य नाबालिग का शक के बिनाह पर घेराव किया तो इन लोगों ने पुलिस पर ही फायरिंग कर दी और जब पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया तो अपना जुर्म कबूलते हुए तरुण बिंदल की हत्या में उपयोग हुए तमंचे और कारतूस को पुलिस इन तीनों की निशांदेही पर बरामद कर जेल भेज दिया था।
बता दें की 2004 से आज तक दोनों वयस्क अभियुक्त जमानत पर बाहर थे जबकि नाबालिग को बेगुनाह मानते हुए जज ने बरी कर दिया था। इस मामले में 11 लोगों ने गवाही दी और आज शाम एडीजी प्रथम सुशील तोमर ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए बीजेपी नेता मोहित कक्कड़ और दूसरे मोहित कक्कड़ उर्फ़ विक्की निवासी विंध्यवासनी गली में जो ऊन की दुकान चलाता था को आजीवन कारावास और एक लाख की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।