उत्तराखंड की धामी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई गई जीरो टॉलरेंस की मुहिम में जहाँ पिछले कुछ महीनों में कई अधिकारी और कर्मचारी पकड़े जा चुके हैं वहीं भ्रष्टाचारी अधिकारियों के खिलाफ लगातार जारी विजिलेंस की कार्रवाई एक कदम और आगे बढ़ गई है। करीब सात माह पहले विजिलेंस को शिकायत मिली थी कि नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में ऐसे कई अधिकारी हैं, जिन्होंने रिश्वत की रकम से अकूत संपत्ति जुटा ली है। गोपनीय जांच में इसके सुबूत मिलने के बाद अब विजिलेंस ने करीब दर्जनभर अधिकारियों के खिलाफ खुली जांच शुरू कर दी है।
जानकारी की मुताबिक विजिलेंस को अलग-अलग विभागों के 12 अधिकारियों के खिलाफ करीब सात माह पहले शिकायत मिली थी। आरोप था कि इन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के बूते आय से अधिक संपत्ति जुटाई है। जिसके बाद विजिलेंस ने गोपनीय जांच शुरू की तो पाया कि शिकायत सही है।
जिसके बाद विजिलेंस ने गोपनीय जांच की रिपोर्ट शासन को भेजी। शासन में बनी कमेटी ने रिपोर्ट का ऑडिट किया और खुली जांच के आदेश दिए हैं। कुमाऊं वजिलेंस के सीओ अनिल मनराल ने बताया कि जांच के दायरे में करीब 12 अधिकारी हैं। सूत्रों का कहना है कि खुली जांच के शिकंजे में सबसे ज्यादा आठ अधिकारी ऊधमसिंहनगर और चार अधिकारी नैनीताल जिले से हैं।
खुली जांच के लिए बैंक, बीमा, राजस्व आदि विभागों से अधिकारियों के नाम पर मौजूद संपत्तियों, बैंक खातों समेत अन्य विवरण मांगा गया है। खुली जांच की रिपोर्ट दोबारा शासन को भेजी जाएगी। जांच रिपोर्ट के ऑडिट के बाद ही विजिलेंस डायरेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी यह तह करेगी कि मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए या नहीं।