बीजेपी नें किए अपने पार्टी संविधान में बदलाव, जे पी नड्डा का राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर बड़ा कार्यकाल।

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लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने पार्टी संविधान में बदलाव किया है। इसके तहत पार्टी का संसदीय बोर्ड आपातकालीन परिस्थितियों में कार्यकाल और उसके विस्तार सहित भाजपा अध्यक्ष से जुड़े फैसले ले सकेगा।भाजपा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के आखिरी दिन संविधान में बदलाव का प्रस्ताव पारित किया गया। 

यह प्रस्ताव पार्टी महासचिव सुनील बंसल की ओर से पेश किया गया। पार्टी के मौजूदा संविधान के अनुसार, कम से कम 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। राज्य भाजपा संगठन का चुनाव जिला निकायों आदि के चुनावों पर भी निर्भर है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी जब विधानसभा या लोकसभा चुनावों की तैयारी में व्यस्त रहती है तो आंतरिक चुनावों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना कठिन होता है।

यह प्रस्ताव पार्टी महासचिव सुनील बंसल की ओर से पेश किया गया। पार्टी के मौजूदा संविधान के अनुसार, कम से कम 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। राज्य भाजपा संगठन का चुनाव जिला निकायों आदि के चुनावों पर भी निर्भर है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी जब विधानसभा या लोकसभा चुनावों की तैयारी में व्यस्त रहती है तो आंतरिक चुनावों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना कठिन होता है।

भाजपा में अध्यक्ष पद का चयन संगठनात्मक चुनाव से होता है। कई चरणों पर निवार्चन के बाद कम से कम 50 प्रतिशत राज्य इकाइयों को उन्हें निर्वाचित करना होगा। प्रदेश स्तर का भाजपा का संगठनात्मक चुनाव भी जिला निकायों के निर्वाचन पर निर्भर करता है।

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि पार्टी ने संशोधन के पीछे विवरण और वजह के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। लेकिन, सूत्रों ने बताया कि इसका ताल्लुक उसके अध्यक्षों की भविष्य की नियुक्तियों से हो सकता है।


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