करोड़ों रामभक्तों के लिए एक खुशखबरी है। उम्मीद की जा रही है कि राममंदिर जनवरी, 2024 में जनता के लिए ओपन हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक बयान में लोगों को राममंदिर के भव्य उद्घाटन में आने के लिए आमंत्रित किया है।इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार राममंदिर के उद्घाटन की तैयारियों में जुट गई है।
राममंदिर के उद्घाटन को भव्य और बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में हवाईअड्डे और रेलवे स्टेशन के विस्तार सहित इंफ्रास्ट्रक्चर वर्क्स में तेजी लाई है, क्योंकि शहर में अगले साल जनवरी में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारी की होने लगी है। सहादतगंज से नया घाट तक 13 किलोमीटर लंबे रामपथ पर भी काम चल रहा है।
लखनऊ में जारी बयान में कहा गया है कि रामजानकी पथ और भक्ति पथ के कंस्ट्रक्शन की आउटलाइन भी तैयार है। हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन का भी विस्तार किया जा रहा है। ये कॉरिडोर महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये श्री राम जन्मभूमि और हनुमान गढ़ी मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाएंगे। इसमें कहा गया है कि राम जन्मभूमि पथ की चौड़ाई 30 मीटर और भक्ति पथ की चौड़ाई 14 मीटर होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को राम मंदिर के भव्य उद्घाटन पर आने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।
उधर, उत्तराखंड के हरिद्वार में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन इसका निर्माण जोरों पर है और संतों की अनुमति से अगले साल जनवरी तक इसका उद्घाटन होने की संभावना है।
चंपत राय ने कहा, “मंदिर ट्रस्ट ने अभी तक तारीखों पर चर्चा नहीं की है। हालांकि, मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है और इसका उद्घाटन 31 दिसंबर से 15 जनवरी तक कभी भी किया जा सकता है।”
भव्यता कुछ ऐसी होगी
राम मंदिर पूर्व से पश्चिम तक 380 फुट लंबा, दक्षिण से उत्तर तक 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है। गुरुवार(25 मई) को VHP के मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भाग लेने के लिए हरिद्वार पहुंचे राय ने कहा कि शुद्ध ग्रेनाइट से बना इसका मंच 16 फीट ऊंचा है और इसकी तीन मंजिलों पर 392 स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण में कहीं भी लोहे और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
बयान में कहा गया है कि अयोध्या के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की पहल का समर्थन करते हुए दुकानदारों ने बिना किसी प्रतिरोध के अपनी दुकानों की जमीन भव्य मंदिर और इसकी अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए दे दी है।
इसमें कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट के तहत मुआवजे के वितरण में किसी तरह की अनियमितता की कोई शिकायत नहीं मिली है। हटाए गए लोगों को नए विकसित परिसरों में दुकानें आवंटित की गई हैं, जबकि कई दुकानदारों को मालिकों के सहयोग से उनके पुराने स्थानों पर फिर से बसाया गया है।