धूम्रपान आपकी दृष्टि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है! शरीर पर क्या इसका प्रभाव पड़ता है

Share Now

31 मई धूम्रपान दिवस::- 31 मई को वर्ड नो टोबैको दिवस मनाया जाता है। जो लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है जिसमें धूम्रपान के दुष्परिणाम के प्रति बताया जाता है। वहीं धूम्रपान से सांस की बीमारी, हृदय की बीमारी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। धूम्रपान आंखों के लिए भी बहुत हानिकारक हो सकता है। दुनिया भर में मृत्यु दर बढ़ने के अनेकों कारणों में धूम्रपान सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है। तंबाकू के कारण दुनिया भर में 8 मिलियन से ज्यादा मौतें हर साल होती हैं इनमे से लगभग 600,000 लोग धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन सेकेंड हैंड धुएं के कारण वे मौत का शिकार होते हैं।

धूम्रपान से मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, उम्र से संबंधित मैय्कुलर डीजेंरेशन (एएमडी) और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी गंभीर आंखों की बीमारी होने का खतरा होता है। अगर समय पर उचित सावधानी न बरती गयी तो इससे देखने की क्षमता भी ख़राब हो सकती है। इसके अतिरिक्त सिगरेट के धुएं से आंखों के नीचे सूजन और पलकों में समस्याएं जैसे सूजन और जलन हो सकती है।


आंखों का ड्राई होना- इस बीमारी के होने से आंखों से पर्याप्त आंसू नहीं निकलते हैं। सिगरेट का धुआं जलन और आंखों में सूखापन पैदा कर सकता है। इसके साथ ही कुछ लोगों को विशेष रूप से धूम्रपान से आंखों की बीमारी होने का खतरा बाकियों के मुकाबले अधिक होता है।

गर्भवती महिलाएं- गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से अजन्मे बच्चों में रेटिनोपैथी होने का खतरा बढ़ सकता है। यह बीमारी तब होती है जब बच्चे के रेटिना में ब्लड वेसेल्स (रक्त वाहिकाएं) पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं जिससे रेटिना डिटेचमेंट हो सकता है और कुछ केसेस में अंधापन भी हो सकता है।

डायबिटीज वाले लोगों में- डायबिटीज से पीड़ित जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमे डायबिटिक रेटिनोपैथी होने का खतरा बढ़ जाता है।


मोतियाबिंद – यह बीमारी तब होती है जब आंखों का लेंस धुंधला या क्लाउडी बन जाता है इस वजह से रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखने लगता है। धूम्रपान आंखों के अंदर फ्री रेडिकल्स की संख्या को बढ़ा सकता है।

ग्लूकोमा – ग्लूकोमा आंखों के अंदर बढ़ते दबाव के कारण होने वाली आंखों की बीमारियों का एक समूह होता है। आमतौर पर आंख के अंदर अतिरिक्त तरल पदार्थ बनता है तो यह दबाव बढ़ जाता है। बढ़े हुए दबाव से यह ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है। ऑप्टिक नर्व से मस्तिष्क और आंखों के बीच संबंध स्थापित हो पाता है।

त्वचा- धूम्रपान से त्वचा की उम्र तेजी से बढ़ती है क्योंकि आपकी त्वचा के लिए आवश्यक ऑक्सीजन कम हो जाती है। इसलिए आप देख सकते हैं कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों की आंखों और मुंह के नीचे झुर्रियां होती हैं। धूम्रपान आपकी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को ट्रिगर करता है।

अगर कोई भी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले।


Share Now