देश में बढ़ती बाघों की संख्या लगातार बढ़ती जा रहीं है जिसको देखते हुए केंद्र सरकार इस वर्ष पांच और बाघ अभयारण्यों की घोषणा करने वाली है।जिसके बाद से देश में कुल 56 टाइगर रिजर्व हो जाएंगे।
बताते चलें कि सरकार द्वारा तीन नए क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की मंजूरी मिल चुकी है और दो अन्य के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे चुकी है। जिन तीन क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व के तौर पर सरकार की मंजूरी मिली है उसमें कर्नाटक का एमएम हिल्स इलाका, छत्तीसगढ़ का गुरु घासीदास नेशनल पार्क और राजस्थान का रामगढ़ विषधारी इलाका शामिल है।साथ ही अरुणाचल प्रदेश के दिबांग वन्य जीव अभयारण्य और बिहार के कैमूर अभयारण्य को भी टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। क्योंकि तीन टाइगर रिजर्व को केंद्र की मंजूरी मिल चुकी है, इसलिए अब संबंधित राज्यों द्वारा उन्हें टीआरएस के रूप में अधिसूचित करने की औपचारिकता देनी रह गई है। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अरुणाचल व बिहार सरकार को दो टीआरएस की मंजूरी की सैद्धांतिक मंजूरी दे देकर इस बारे में सूचित कर दिया है। अब उनसे वन्य जीव संरक्षण कानून 1972 के तहत विस्तृत प्रस्ताव मांगे गए हैं। वहीं अब तक 51 टाइगर रिजर्व कुल 73,765 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं। पांचों नए बाघ अभयारण्यों की घोषणा रूस के व्लादिवोस्तोक में इसी साल होने वाली ग्लोबर टाइगर समिट के पूर्व होने की संभावना है।