उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण के बाद से ही ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। सरकार गठन और विभागों के बंटवारे के बाद अब सीएम योगी की नजर मंत्रियों के काम-काज और उनके खर्च पर है। सूत्रों की मानें तो यूपी में अभी मंत्रियों के लिए कोई नई गाड़ी नहीं खरीदी जायेगी। यही नहीं मंत्रियों को अब प्रदेश से बाहर जाने पर इजाजत लेनी होगी और फिजूलखर्च पर भी रोक लगाने के निर्देश मंत्रियों को दिए जा रहे हैं। ऐसे में इस बार यूपी में मंत्रियों की डगर कठिन साबित हो सकती है। बता दें कि नए मंत्रियों को सीएम योगी ने 100 दिन का टारगेट दिया है। 100 दिन के अंदर सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों की समीक्षा करनी होगी। इस समीक्षा के आधार पर काम की योजना तैयार कर मास्टर प्लान बनाना होगा। कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां संबंधित मंत्री द्वारा ही दी जाएंगी। इस दौरान मंत्रियों को अपनी रिपोर्ट में सीएम योगी को बताना होगा कि वह अगले 100 दिन में क्या करेंगे। विभाग में नया क्या होगा। साथ ही डिजिटलाइजेशन के काम को भी विभाग में आगे बढ़ाना है।
वहीं योगी मंत्रिमंडल का कोई भी मंत्री अगर यूपी से बाहर जा रहा है तो उसकी जानकारी उसे सीएम और पार्टी दोनों को देनी होगी। मंत्रियों के बेवजह दौरों और दिल्ली में बेवजह बड़े नेताओं के चक्कर लगाने से रोकने के लिए सीएम ने यह निर्देश जारी किया है। अब यूपी सरकार का कोई भी मंत्री किसी भी काम से यूपी से बाहर जाता है तो उसे बताना होगा कि वो क्यों जा रहा है। दौरा सरकारी या पर्सनल कोई भी हो, जानकारी देना अनिवार्य है। बिना बताए मंत्री बाहर नही जा सकेंगे। सरकारी धन के दुरुपयोग और किसी भी तरह की कॉन्ट्रोवर्सी से बचने के लिए यह निर्देश दिया गया है। वहीं सीएम योगी ने फिजूलखर्ची रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। योगी सरकार के मंत्रियों के लिए राज्य का संपत्ति विभाग नए बंगले तैयार कर रहा है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि बंगलों में साज-सज्जा पर ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है। फर्नीचर को बदलने की आवश्यकता नहीं है।