
प्रयाग भारत, जम्मू-कश्मीर: के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले को ‘बुरा’ करार दिया. एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव लंबे समय से चल रहा है और उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों पक्ष इस मुद्दे को सुलझा लेंगे. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों पर जोर दिया.

कश्मीर में हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने जवाब दिया, ‘मैं भारत के बहुत करीब हूं और मैं पाकिस्तान के भी बहुत करीब हूं, जैसा कि आप जानते हैं, और कश्मीर में वे एक हजार साल से लड़ रहे हैं. कश्मीर एक हजार साल से चल रहा है, शायद उससे भी ज्यादा समय से, और हालिया आतंकवादी हमला बहुत बुरा था.
आतंकी हमले में 26 से अधिक लोग मारे गए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच सीमा पर हमेशा तनाव रहा है. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव को लेकर चिंतित हैं, तो ट्रंप ने कहा, ‘इस सीमा विवाद को लेकर 1500 वर्षों से तनाव है.
तो, आप जानते हैं, यह वैसा ही रहा है, लेकिन मुझे यकीन है कि वे इसे किसी न किसी तरह से सुलझा लेंगे. राष्ट्रपति ने कहा कि वह दोनों देशों के नेताओं से परिचित हैं. हालांकि दोनों देशों के बीच बहुत तनाव है और ये लंबे अरसे से रहा है. आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हमला कर दिया. इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए तथा कई अन्य घायल हो गए.
इस आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई ठोस कदम उठाए हैं. इन कूटनीतिक उपायों में सिंधु जल संधि को स्थगित करना सबसे अहम है. इसके साथ ही अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना भी शामिल है. पाकिस्तानी नागरिकों को उन्हें देश छोड़ने के लिए कहा गया है. इसके लिए समय सीमा तय कर दी गई है. कई राज्यों से पाकिस्तानी नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. इसके अलावा दूतावास के अधिकारियों को भी संख्या कम करने के लिए कहा गया है.
सिंधु जल संधि से भारत का पीछे हटना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है. संधि सिंधु नदी प्रणाली से 20 प्रतिशत पानी भारत को आवंटित करती है, जबकि शेष 80 प्रतिशत पाकिस्तान को. सिंधु जल संधि पर 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल की बातचीत के बाद हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें विश्व बैंक की सहायता ली गई थी, जो इस संधि का एक हस्ताक्षरकर्ता भी है.
इसे सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय संधियों में से एक माना जाता है. इसने संघर्ष सहित लगातार तनावों को झेला है. इसने आधी सदी से भी अधिक समय तक सिंचाई और जलविद्युत विकास के लिए एक रूपरेखा प्रदान की है. संधि सिंधु नदी प्रणाली से 20 प्रतिशत पानी भारत को आवंटित करती है, जबकि शेष 80 प्रतिशत पाकिस्तान को.



You are a very smart person!
I genuinely appreciate your work, Great post.
I will right away clutch your rss as I can’t in finding your e-mail subscription hyperlink or newsletter service. Do you have any? Kindly let me know in order that I could subscribe. Thanks.