गाजीपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट में बाहुबली अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का मामला चल रहा था. उनके खिलाफ करंडा थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया गया था. इसमें रिटायर्ड टीचर कपिल सिंह हत्याकांड एवं मीर हसन पर हत्या का मामला शामिल था. हालांकि 17 मई को इसी मामले में मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने दोष रहित करार दिया था, लेकिन अब इस मामले में उसे 10 साल की सजा दी गई है।
ये फैसला गाजीपुर में एमपी एमएलए कोर्ट से आया है. साल 2009 में एक रिटायर्ड टीचर की हत्या और फिर उसी साल एक और हत्या हुई थी. दोनों केस मिला कर मुख्तार पर गैंगस्टर का केस हुआ था. इसी मामले में उनको सजा हुई है.बता दें कि मुख्तार अंसारी पहले ही रंगदारी, हत्या, लूट, अपहरण एवं कई अन्य केसों के तहत जेल की सजा काट रहे हैं. कुछ दिन पहले जेल की शिफ्टिंग के दौरान उन्होंने अपना एनकाउंटर की आशंका जताई थी. उनकी आशंका थी कि शिफ्टिंग के दौरान उनका एनकाउंटर हो सकता है।
दूसरी ओर, इस फैसले के बाद मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ वे लोग हाईकोर्ट में अपील करेंगे. उन्होंने आशा जताई कि उन लोगों को हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा. कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
एमपी-एमएलए कोर्ट के जज अरविंद मिश्र की कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था. आज कोर्ट ने जब सजा का ऐलान किया तो मुख्तार अंसारी ने कहा कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है. वह साल 2005 से जेल में कैद हैं।
गाजीपुर कोर्ट से गैंगस्टर एक्ट के तहत बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को तीसरे केस में सजा मिली है. इससे पहले इसी कोर्ट ने अवधेश राय की हत्या एवं कृष्णा नंद राय की हत्या के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर मामले में सजा सुनाई थी।
बता दें कि कपिल देव सिंह की 19 अप्रैल 2009 को हत्या हुई थी. मीर हसन पर 24 नवंबर 2009 को अटैक हुआ था. इन दोनों मामलों को जोड़कर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस शुरू किया गया था. इनके मुख्य केस में मुख्तार अंसारी को पहले बरी कर दिया गया था, लेकिन पुलिस ने 120 बी तहत दोनों मामले में मुख्तार अंसारी पर साजिश रचने का मामला दर्ज किया था. अब इस केस में मुख्तार अंसारी को सजा मिली है।