बाजपुर में नामित पार्षद नें लगाए पालिका बोर्ड पर पीएम आवास योजना में घोटाले के आरोप

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बाजपुर। नगर पालिका के नामित सभासद एवं भाजपा के वरीष्ठ नेता विमल शर्मा ने नगर पालिका बोर्ड एवं प्रशासन पर पीएम आवास एवं राजीव आवास में बड़ा घोटाला करने तथा अपने चहेतों को नियमों को ताक पर रखकर आवास बांटने का आरोप लगाते हुए सीएम से जांच की मांग की है।

मंगलवार को नामित सभासद विमल शर्मा ने वार्ड नंबर 13 स्थित एक आवास पर पत्रकार वार्ता करते हुए ये गंभीर आरोप लगाये। विमल शर्मा ने कहा कि नगर पालिका बोर्ड पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है अैर भाजपा सरकार को बदनाम करने का काम कर रहा है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि गरीबों के लिये केंद्र सरकार द्वारा दिये जाने वाले पीएम आवास और राजीव आवासों को नगर पालिका के ही कर्मचारियों के रिश्तेदारों, पालिका के ठेकेदारों और पालिकाध्यक्ष के चहेतों को बांट दिये गये। उन्होंने सूचना के अधिकार से मांगी गई जानकारी का हवाला देकर साक्ष्य भी सामने रखे। विमल शर्मा ने कहा कि करीब 40 लोग ऐसे हैं जिनकों नियमों को ताक पर रखकर आवास दिये गये हैं लेकिन जो वास्तविक पात्र थे उन्हें योजना से वंचित रखा गया है। उन्होंने पालिका बोर्ड को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनका ये खुलासा पालिका झूठा साबित कर दे तो वह आज ही राजनीति से सन्यास ले लेंगे। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी एवं कुमायूं कमिश्नर दीपक रावत से भी इस संबंध में जल्द मुलाकात कर साक्ष्य देने की बात कही है। वहीं उनके साथ मौजूद सूचना का अधिकार मांगने वाले हिमांशु नेगी ने कहा कि पालिका में जबरदस्त भ्रष्टाचार और परिवारवाद का बोलबाला है। पीएम आवास और राजीव आवास जिन्हें मिलता है वह गरीबी रेखा से नीचे वाले लोग होते हैं तथा आवास के बाद वह अपने मकान पर योजना का पत्थर लगाते हैं लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा। यहां मिलीभगत से अमीरों को गरीबों का हक दिया जा रहा है जिसकी उच्च स्तरीय जांच जरूरी है।

सभासद के सभी आरोप बेबुनियाद, चाहें तो जांच करा लेंःपालिकाध्यक्ष

बाजपुर। नगर पालिका बोर्ड पर भाजपा नेता विमल शर्मा द्वारा लगाये गये आरोपों पर पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह गित्ते ने कहा है कि हमारे भाई ने जो भी आरोप लगाये हैं वह उन सभी आरोपों की जांच भी करा लें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम वो ले रहे हैं हो सकता है जब उन्होंने योजना का लाभ लिया हो तब वह पात्रता की श्रेणी में आते हों। ऐसा कोई जरूरी नहीं कि जो योजना का लाभ लेता है वह हमेशा उसी श्रेणी में रहेगा। फिर भी अगर विमल शर्मा चाहें तो इसकी जांच करा सकते हैं।


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