चंद्रयान-3 का चाँद पर सफलता पूर्वक उतरना पूरे भारत के लिए गर्व की बात है और होनी भी चाहिए ये एक ऐसा पल है जिसने हर भारतीय को गौरवान्वित होने का एहसास कराया है। जहाँ एक तरफ रूस का चाँद पर पहुंचने का प्रयास विफल रहा वहीं भारत के मिशन को लेकर भी पूरे विश्व में एक कोतुहल का माहौल था, पूरा विश्व भारत के चंद्रयान-3 पर नज़रे गड़ाए बैठा था। और फिर वो 23 तारीख की शाम 6:04 बजे वो हुआ जिसकी किसी ने भी कल्पना तक नहीं की थी। भारत का चंद्रयान-3 चाँद के दक्षिण ध्रुव पर सफलता पूर्वक उतर गया।
इसरो ने जहाँ पूरे देश को बधाई दी तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी नज़रे आँखरी दम तक लगाए हुए थे और फिर इसरो की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी देश को बधाई दी और इसरो के सभी वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि पर नमन किया। जहाँ बीजेपी के देश में हर छोटे बड़े कार्यालय में हर कार्यकर्त्ता ने खुशियाँ मनाई। कहीं मिठाइयाँ बाटी गई तो कहीं ढ़ोल बजाकर इस ऐतिहासिक पल को उल्लास के साथ मनाया।
राहुल गाँधी के ट्वीट पर भी आई तीखी परिक्रियाऐं
पर यहाँ बधाई देनें वालों में कांग्रेस और अन्य राजनीतिक पार्टियां भी पीछे नहीं रहीं। जहाँ एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने देश को बधाई दी और इसे इशारों ही इशारों में 1962 से देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी को इसरो का क्रेडिट देते हुए ट्विटर पर अपना सन्देश लिखा, फिर क्या था लोगों ने भी डॉ. नांबी नारायणन की फोटो के साथ रीट्वीट कर राहुल गाँधी से 1994 की कांस्पिरेसी पर सवाल दाग दिए।
अखिलेश यादव ने भी दी बधाई पर लोगों ने उनको भी नहीं छोड़ा
चंद्रयान-3 के सफल होने पर अखिलेश यादव ने भी ट्विटर पर “चाँद मुबारक ” लिख देश वासियों को बधाई सन्देश दिया पर उन्हें भी लोगों ने रीट्वीट कर उन पर तुष्टिकरण के आरोपों से उन्हें घेर लिया। किसी ने हनुमान जी की तस्वीर के साथ उन्हें उत्तर दिया तो किसी ने दुबई के शेख के भारतीयों को बधाई सन्देश के स्क्रीनशॉट के साथ उत्तर दिया, किसी ने तो सीधा सीधा तुष्टिकरण की राजनीती करने के आरोप तक लगा दिए।
ऐसे ही पूरी शाम ट्विटर पर और अन्य सोशल प्लेटफार्मस पर नेताओं और लोगों की कटाक्ष भरी नोक झोक चलती रही। जहाँ कांग्रेस और अन्य पार्टियां इस उपलब्धि के लिए नेहरू जी को श्रेय देते दिखे तो वहीं बीजेपी के कार्यकर्त्ता और नेता इसे प्रधानमंत्री मोदी के राज में वैज्ञानिकों की उपलब्धि करार देते दिखे। पर इन सब में जो सबसे अहम् बात देखने को मिली वो थी भारतीयों की देश के वैज्ञानिकों के लिए सम्मान और उनकी भावनाएं तो बीजेपी ने भी उसी रूप में इसे भारतीय लोगों की ही जीत के रूप में मनाया। पर कई अन्य राजनीतिक दल इसमें भी अपनी राजनीती चमकाते दिखे।