द कश्मीर फाइल्स को लेकर राजनीति लगातार गरमा रही है। भाजपा जहां खुलकर इस फिल्म के समर्थन मंे दिखाई दे रही है वहीं विपक्षी पार्टियां इसे भाजपा का ढोंग करार दे रहे हैं। आए दिन मामले को लेकर सियासी पार्टियों में घमासान मच रहा है। अब यह मामला दिल्ली सदन में उठा है। आज दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बड़ा बयान दिया है। सिसोदिया ने कहा कि भाजपा को कश्मीर फाइल की चिंता है, कश्मीरी पंडितों की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत कुछ किया, दस्तावेज़ के अभाव में भी 223 शिक्षकों को स्थायी दर्जा, पेंशन प्रणाली को सुव्यवस्थित किया। कहा कि दिल्ली में कश्मीरी पंडितों को प्रति माह 3,000 रुपए प्रदान किए गए। देश भर के कश्मीरी पंडित कश्मीर वापस जाने का मौका चाहते हैं। भाजपा 8 साल से सत्ता में है। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया? इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर कश्मीरी पंडितों के पलायन पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सवाल किया था कि पार्टी ने सत्ता में आने के बाद से उनमें से कितने लोगों को घाटी में फिर से बसाया है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच जुबानी जंग शुरू होने के बीच केजरीवाल ने एक बार फिर सुझाव दिया कि इस फिल्म को यूट्यूब पर अपलोड किया जाना चाहिए और इससे अब तक हुई कमाई को कश्मीरी पंडितों के कल्याण पर खर्च किया जाना चाहिए।