वॉशिंगटन। अमेरिका ने अपनी हवाई सीमा में मंडरा रहे चीन के गुब्बारे को मार गिराया है। इसके साथ ही चीन के साथ अमेरिका का तनाव और बढ़ने के आसार हैं। चीन ने गुब्बारे को गिराए जाने पर नाखुशी जताई है। उसने इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों और संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। चीन का ये गुब्बारा पिछले कुछ दिनों से अमेरिका के आसमान पर मंडरा रहा था। गुब्बारा गिराए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मैंने चीन के गुब्बारे को मार गिराने का आदेश पहले ही दे दिया था। इसके समुद्र के ऊपर जाने का हम इंतजार कर रहे थे। शनिवार को चीन का गुब्बारा अटलांटिक महासागर के ऊपर पहुंचने के बाद इसे गिराया गया।
🚨 NEW: Chinese Spy Ballon has been shot over the state of South Carolina.
This mission was carried out by the top-notch F-22 Raptors. pic.twitter.com/man6lOZcGS
— John-Carlos Estrada 🎙️ (@Mr_JCE) February 4, 2023
अमेरिका के खोजी दल समुद्र से चीन के गुब्बारे का मलबा और उसमें लगे यंत्रों को हासिल करने के लिए पहुंचे हैं। चीन का गुब्बारा मंडराने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने चीन का दौरा भी रद्द कर दिया था। चीन ने कहा था कि उसका गुब्बारा जासूसी नहीं कर रहा है। इस गुब्बारे से मौसम संबंधी जानकारी इकट्ठा करने की बात चीन ने कही थी। चीन का ये गुब्बारा तीन बसों जितना बड़ा था। गुब्बारे के बारे में अमेरिकी अफसर आशंका जता रहे थे कि इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इधर-उधर ले जाया जा रहा है।
चीन का ये गुब्बारा प्रशांत महासागर को पार कर अमेरिका के ऊपर पहुंचा था। गुब्बारा अमेरिका के मोंटाना इलाके के ऊपर काफी देर तक उड़ता रहा था। मोंटाना में अमेरिका का परमाणु मिसाइल बेस है। इसी वजह से चीन पर गुब्बारे के जरिए जासूसी करने का आरोप लग रहा था। अमेरिका के सैन्य विमान लगातार उड़ान भरकर गुब्बारे की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। रडार के जरिए भी गुब्बारे पर दिन रात नजर रखी जा रही थी। अब इस गुब्बारे को गिराने से चीन के साथ अमेरिका का तनाव बढ़ने की पूरी आशंका जताई जा रही है।