चीन व अमेरिका के बीच हथियारों का मुकाबला तेज हो सकता है। चीन ने एक ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाई है जिसका अमेरिका के पास कोई तोड़ नहीं है। चीन ने दावा किया है कि उसने इंफ्रारेड होमिंग तकनीक वाली हाइपरसोनिक हथियारों को बनाया है। जिसकी ध्वनि की रफ्तार से कई गुना तेज है। यह बताया जा रहा है कि गति के मामले में यह किसी मिसाइल या लड़ाकू विमानों से निकलने वाली गर्मी का पीछा कर सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है की अमेरिका वर्ष 2025 तक भी ऐसे हथियारों का निर्माण नहीं कर सकता है। ज्ञात हो कि बीते कुछ दिन पूर्व ही चीन ने अंतरिक्ष से हमला करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया था।जिसके बाद अमेरिकी सेना के कई शीर्ष अधिकारियों ने चिंता जताई थी।
चीन के नेशनल यूनिवर्सिटी आफ डिफेंस टेक्नोलाजी में हाइपरसोनिक इंफ्रारेड होमिंग प्रोग्राम के शोधकर्ताओं ने बताया है कि पारंपरिक युद्ध के परिणाम को हाइपरसोनिक मिसाइल से बदला जा सकता है। ऐसी मिसाइलें कम ऊंचाई पर उड़ान भरते समय अपने हीट सिग्नेचर के आधार पर लक्ष्य को खोजने, पहचानने और लाक करने में सक्षम होती हैं।
यह बताया जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना को भी ऐसी मिसाइलों से डर लगता है। अमेरिकी वायु सेना के अनुसार 1980 के दशक के बाद से खोए हुए सभी विमानों में से लगभग 90 फीसद को हीट सीकिंग मिसाइलों से मार गिराया गया था। एफ-22 जैसे स्टील्थ लड़ाकू विमानों को भी निशाना बनाया जा सकता था, क्योंकि उड़ान के दौरान एफ-22 की कोटिंग मैटेरियल आसानी से गर्म हो जाती है। ऐसे में हीट सीकिंग मिसाइलें गर्मी का पीछा करते हुए आसानी से विमान को निशाना बना सकती है।
चीन का बताया है कि जमीन से हवा में मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल कुछ ही सेकंड में F-22 को पकड़ सकती है और उसे पलभर में नष्ट कर सकती है। चीन की हाइपरसोनिक इन्फ्रारेड मिसाइलों का पहले से ही कई परीक्षण उड़ानों में इस्तेमाल किया जा चुका है। इसी क्षमता और खासियत के चलते पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से सैन्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए एक शीर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है।