
भारतीय नौसेना की अधिग्रहण योजना के अंतर्गत गोवा के नौसैन्य केंद्र आइएनएस हंसा की शोर बेस्ड टेस्ट फैसिलिटी से लड़ाकू विमानों की फ्लाइट टेस्टिंग की जाएगी। जिसमें विमानवाहक पोतों से संचालित होने वाले इन विमानों की उड़ान क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। वहीं अगले सप्ताह से शुरू होने वाले परीक्षण के दौरान इन लड़ाकू विमानों का विमानवाहक पोतों से परिचालन सुनिश्चित किया जाएगा।

लड़ाकू विमान बनाने वाली राफेल व एफ-18 जैसी कंपनियां भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास कर रही हैं। भारतीय नौसेना ने अपने दो विमानवाहक पोतों से परिचालित हो सकने वाले लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की है।।
सूत्रों के मुताबिक ‘पहले विमानवाहक पोतों से संचालित हो सकने वाले उपयुक्त लड़ाकू विमानों का निर्धारण करना होगा। गोवा स्थित एसबीटीएफ से लड़ाकू विमानों का परीक्षण इसी प्रक्रिया का हिस्सा है।’
इन परीक्षणों के बीच, भारतीय नौसेना ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दे रही है, जिसके अंतर्गत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान दो इंजन वाले लड़ाकू विमान का निर्माण कर रहा है। इसका परिचालन विमानवाहक पोतों से संभव होगा।







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