न्यूयॉर्क। विश्व पटल पर भारत की चमक और तेज हो गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश को बड़ी सफलता मिली है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग का चुनाव जीत लिया है। संयुक्त राष्ट्र के इस संगठन में भारत 4 साल तक सदस्य रहेगा। भारत ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के तहत चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को चुनाव में पराजित कर संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग में जगह बनाई है। इसके अलावा भारत को संयुक्त राष्ट्र नारकोटिक्स ड्रग्स वाले आयोग और एचआईवी पर संयुक्त राष्ट्र के समन्वय बोर्ड का भी सदस्य चुना गया है। नारकोटिक्स ड्रग्स संबंधी आयोग दवा नियंत्रण संधियों की निगरानी करता है। वहीं, एचआईवी का समन्वय बोर्ड दुनियाभर में इस खतरनाक बीमारी पर निगरानी और इसे मिटाने में मदद देता है।
India elected to the highest UN 🇺🇳 statistical body for a 4-year term beginning on 1 January 2024!
Congrats Team @IndiaUNNewYork for coming through so strongly in a competitive election.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 5, 2023
बात अगर संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग की करें, तो भारत को इसके चुनाव में 53 में से 46 देशों के वोट मिले। भारत के अलावा अर्जेंटीना, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया, यूक्रेन, तंजानिया और अमेरिका निर्विरोध चुने गए। भारत अब संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग में अगले साल 1 जनवरी से अपना कार्यकाल शुरू करेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कड़े मुकाबले में चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को हराकर भारत की जीत पर खुशी जताई है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारतीय टीम को बधाई दी है। जयशंकर ने कहा है कि भारत की सांख्यिकी विविधता और जनसांख्यिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता से ये सीट मिली है। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग में अभी एशिया प्रशांत क्षेत्र से जापान, समाओ, कुवैत और दक्षिण कोरिया हैं। जापान और समाओ का अगले साल और दक्षिण कोरिया और कुवैत का कार्यकाल इसी साल खत्म होगा।
भारत में भले ही विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार की कूटनीति की आलोचना करते हों, लेकिन मोदी सरकार ने हर बार वैश्विक पटल पर अपनी अनोखी छाप छोड़ी है। पिछले साल जब भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में था, तब भी देश ने कई अंतरराष्ट्रीय मसलों का हल निकालने की कोशिश की थी और कई में कामयाबी मिली थी। पीएम मोदी की अपील पर यूक्रेन और रूस ने कई घंटे तक युद्धविराम भी किया था और उस दौरान भारतीय छात्रों और नागरिकों को यूक्रेन से निकाला गया था। कई और देशों में फंसे भारतीयों को मोदी सरकार वापस भी लाई है।