अल्मोड़ा ::- एसएसजे परिसर में भारत के वीर शहीदों की याद में शौर्य दीवार का अनावरण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.नरेंद्र सिंह भंडारी, प्रो.जगत सिंह बिष्ट निदेशक, शोध एवं प्रसार, प्रो.प्रवीण सिंह बिष्ट अधिष्ठाता प्रशासन, प्रो. इला साह अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रो.जया उप्रेती संकायाध्यक्ष, विज्ञान, प्रो. एमएम जिन्नाह संकायाध्यक्ष, वाणिज्य, प्रो.सोनू द्विवेदी संकायाध्यक्ष, दृश्यकला, डॉ. मुकेश सामंत कुलानुशासक, प्रो. शेखर जोशी अधिष्ठाता शैक्षिक, प्रो.भीमा मनराल संकायाध्यक्ष, शिक्षा, प्रो.जेएस बिष्ट संकायाध्यक्ष, विधि आदि ने किया। गणित विभाग में स्थापित किये गए शौर्य दीवार में देश की रक्षा को लेकर प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों को लेकर दीवार तैयार की गई है। जिसका अनावरण कर देश के वीरों को स्मरण किया गया। विधिवत पूजा अर्चना के उपरांत यह शौर्य दीवार का आना अनावरण किया गया।
इसके उपरांत कुलपति प्रो.भंडारी ने शिक्षकों के साथ संवाद किया। संवाद कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता प्रशासन प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट ने किया। कुलपति प्रो.भंडारी ने कहा कि विश्वविद्यालय बनने के बाद सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय आज अपना स्वरूप गृहण कर चुका है। राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक लेकर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। विश्वविद्यालय ने नवीन शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम को इस वर्ष ने क्रियान्वित कर दिया है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों और विशेषज्ञों के सहयोग से एनईपी 2020 के बेहतर क्रियान्वयन के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। अभी कई फैकल्टी वोकेशनल पाठ्यक्रमों के अनुरूप पाठ्यक्रम सामग्री का निर्माण कर रहे हैं जो मिशाल होगी। विश्वविद्यालय में परीक्षाओं का सफल संचालन हो रहा है तथा शोध एवं प्रसार निदेशालय शोध की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए हरेला पीठ, स्वामी विवेकानन्द शोध एवं अध्ययन केंद्र, लक्ष्मी देवी टम्टा महिला केंद्र आदि के साथ वनस्पति, शिक्षा, योग, मनोविज्ञान, दृश्यकला, विधि आदि सभी विभागों ने कोरोनाकाल से लेकर अब तक प्रशंसनीय कार्य किया है। आगे भी समुदायों के बीच जाकर कार्य करेंगे। वोकेशनल पाठ्यक्रमों के संचालन से हमारे विद्यार्थियों को रोजगार पाने के लिए अवसर मिलेगा।
विश्वविद्यालय में संरचना को लेकर उन्होंने कहा कि संरचनात्मक ढांचे को विकसित करने के लिए प्रयास हो रहे हैं। रूसा द्वारा इस दिशा में निरन्तर विजिट की जा रही है। भविष्य में हम विश्वविद्यालय का बेहतर संरचनात्मक रूप देख सकेंगे। पार्किंग स्थल के लिए स्थान चयन कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ महाविद्यालय परिसर बनने की दिशा में अंतिम चरणों में है। शीघ्र ही हम इन परिसरों में भी संरचनात्मक, अध्ययन-अध्यापन की स्थिति को लेकर आगे कार्य करेंगे। प्रो.भंडारी ने कहा कि शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मियों एवं छात्रों के सहयोग से हमने अपने विश्वविद्यालय को ऊँचाई में लाने का प्रयास किया है। हमारे विश्वविद्यालय की ऊर्जावान फैकल्टी से हमें काफी आशा है। वो सकारात्मक भाव से विश्वविद्यालय को सही दिशा की ओर ले जाने के लिए कार्य करें। शिक्षक छात्रों के साथ साथ समाज को दिशा देते हैं। शिक्षक अकादेमिक गतिविधियों को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि युवा शिक्षक जिम्मेदारी से कार्य करें। विश्वविद्यालय का पुस्तकालय छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहा है। पुस्तकालय को आधुनिक किया जा रहा है। संबोधन में प्रो भंडारी ने कहा कि बीसीए, विधि, दृश्यकला, बीबीए आदि विषयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी है। विद्यार्थी यहां आकर विद्या ग्रहण करने के लिए आना चाहते हैं। उन्होंने सभी विभागों, शिक्षकों, शिक्षणेत्तर बंधुओं के प्रयासों की सराहना की।