बड़ी खबर 🔴: कहीं किसी षड़यंत्र का शिकार तो नहीं हुए ऊधम सिंह नगर के जिला पंचायती राज अधिकारी रमेश त्रिपाठी, कल विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में किया था गिरफ्तार!

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आज ऊधम सिंह नगर जिले में एक मामला काफी सुर्खियों में रहा जब जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश त्रिपाठी को विजिलेन्स टीम ने रुद्रपुर के मेट्रो पोलिस मॉल के बाहर से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। धामी सरकार की सुशासन को लेकर चलाई जा रही मुहीम में जहाँ धामी सरकार द्वारा एक टोल फ्री न. 1064 आम जनता के लिए जारी किया गया है जिसमें कोई भी पीड़ित व्यक्ति किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगने पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।

बता दें कि यूँ तो ऐसे कई मामले आए हैं जहाँ सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए हैं पर ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है जब एक पीसीएस अधिकारी पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। जहाँ तक जिला पंचायती राज अधिकारी रमेश त्रिपाठी की बात करें तो उनका ट्रैक रिकॉर्ड हमेशा से बेदाग रहा है वो पहले भी जिले में अपनी सेवाए दें चुके हैं पर इस कार्यकाल में जब उन्हें जब जिले की पंचायती राज की जिम्मेदारी दी गई तो वो उस पर भी काफी सक्रियता से अपनी जिम्मेदारियों को निभाते दिखते थे। रमेश त्रिपाठी जिले की हर गोष्ठी में एक कुशल वक्ता के तौर पर हमेशा सरकार की हर नीति और योजना को अन्य सभी कर्मचारीयों को समझाने में भी सबसे आगे दिखाई देते रहे हैं। अभी हाल ही में केंद्र की “मेरी माटी मेरा देश” योजना को भी उन्हीं ने काफी योजनाबद्ध तरीके से अमली जामा पहनाया था। फिर ऐसा क्या हुआ?

फिर ऐसा क्या हुआ? की रिश्वत लेने के आरोप उन पर लगे

सूत्रों की माने तो जिला पंचायती राज अधिकारी रमेश त्रिपाठी कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान भी थे उन्हीं के कुछ अन्य समकक्षों और सहकर्मियों की माने तो रमेश त्रिपाठी कई दिनों से कुछ अंदरूनी राजनीती को लेकर भी परेशान थे और उन्हें ये पहले से ही आभास था की कोई उन्हें बड़ी राजनीतिक षड़यंत्र में फसा सकता है। और इसीलिए वो कई दिनों sw मानसिक दबाव और मानसिक रूप से परेशान भी थे। और अगर ऐसा है तो कहीं ना कहीं रमेश त्रिपाठी पर लगे आरोप आज उनकी उस परेशानी को चरितार्थ भी करते हैं। अब ये जाँच का ही विषय है कि उन पर लगे आरोप कितने सत्य हैं. और क्या वाकई वो किसी षड़यंत्र का शिकार हुए हैं। न्यूज़ वर्ल्ड 24 इंडिया उन पर लगे किसी भी आरोपों की ना तो पुष्टि करता है और ना ही इस बिंदु से भी इनकार करता है कि कहीं रमेश त्रिपाठी किसी षड़यंत्र का शिकार तो नहीं हुए हैं।


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