हेल्थ टिप्स ::- आज के दौर में कम उम्र के लोगों में घुटने का दर्द होना शुरू हो जाता है। जो कि खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है। जब कुछ मांसपेशियां अन्य मांसपेशियों की अपेक्षा अधिक काम करती हैं, ऐसे में असंतुलन के कारण घुटने में दर्द होना शुरू हो जाता है। इसके अलावा चोट लगना, गठिया, एसीएल टूटना, फ्रैक्चर होना, आर्थराइटिस, बर्साइटिस, बैठने का गलत तरीका आदि के कारण भी कम उम्र के लोगों में घुटने के दर्द का कारण हो सकता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते हैं जिसके चलते हमारे शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
लक्षण –
बैठने का गलत तरीका- ऑफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करने से निष्क्रियता हो सकती है। ऐसी हालत में मांसपेशियों और टेन्डंस में दर्द हो सकता है। अगर लंबे समय तक बैठ कर काम करते हैं तो अपनी पाॅजिशन को सही रखें अन्यथा घुटनों की कैप पर भार आने की वजह से दर्द हो सकता है।
बर्साइटिस- अगर बर्सा में सूजन या जलन की अनुभूति हो, तो यह बर्साइटिस कहलाता है। बर्सा को तरल पदार्थ की थैली के रूप में समझ सकते हैं। जो कुशन की तरह काम करते हैं। आमतौर पर यह दिक्कत खेल से जुड़े लोगों में पाई जाती है।
मोटापा- अगर शरीर में ज्यादा वजन है तो घुटनों पर भी ज्यादा भार पड़ जाता है। मोटापे की स्थिति में लंबे समय तक खड़े रहने पर घुटनों में प्रभाव पड़ता है। और यह परिस्थति दर्द का कारण बन सकती है।
मांसपेशियों में बदलाव- मांसपेशियों में बदलाव की वजह से घुटनों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो। इसलिए युवाओं को चाहिए कि वो अपनी मांसपेशियों के विकास और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
जोड़ों की बीच ग्रीस खत्म होना- घुटनों में और जोड़ों में दर्द का एक कारण जोड़ों के बीच ग्रीस का खत्म होना भी होता है। जोडों के बीच का ग्रीस जोडों की कार्य क्षमता को बनाए रखने का काम करती है। लेकिन जब ये ग्रीस जोड़ों के बीच से खत्म होने लगती है तो ऐसे में जोड़ो का दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनती है।
उपाय –
अपने भोजन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं। लो फैट मिल्क, डेयरी प्रोडक्ट्स, बादाम, सोया और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को अपने आहार में शामिल करें।
सूर्य के प्रकाश को विटामिन डी का स्रोत माना जाता है। सुबह के वक़्त की सूर्य की किरणें जब शरीर पर पड़ती हैं तो शरीर मज़बूत होता है। शरीर में विटामिन डी की कमी न हो इसके लिए कुछ समय सुबह की धूप में बिताएं व अंडे का सेवन करें।
अगर वज़न ज़्यादा है तो उसे कंट्रोल करने की दिशा में सकारात्मक क़दम उठाएं। इसके लिए अच्छी डायट और एक्सरसाइज़ की मदद लें।
बालू वाली सतह पर या मुलायम सतह पर जॉगिंग या रनिंग करें। अगर घुटनों में तकलीफ़ है तो पलथी मारकर बैठने, छलांग लगाने और ट्रेडमिल पर दौड़ने से परहेज़ करें।
घुटनों में लगातार 4 हफ़्तों से दर्द और सूजन बरक़रार है तो फिर इसे हल्के में न लें और ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श करें।