मेरठ। यहां सरधना में रूबी हत्याकांड से पुलिस ने पूरी तरह से पर्दा उठा दिया। कवि दीपक निराला ने 22 अगस्त की सुबह पत्नी रूबी की लोहे की मूसली से प्रहार कर हत्या कर दी थी। बाद में छुरे से शव के टुकडे़ कर एक बोरे में डालकर कार में ले जाकर भलसोना के निकट गंगनहर में फेंक दिया। इस खुलासे के बाद पुलिस ने दीपक को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। उधर, गोताखोर नहर में रूबी के शव की तलाश में जुटे हैं। थानाध्यक्ष बृजेश कुमार ने बताया कि गंज बाजार निवासी कवि दीपक निराला ने चार साल पहले लखनऊ निवासी ट्रांसपोर्ट कारोबारी रामचंद्र की बेटी रूबी से प्रेम विवाह किया था। हाल ही में मोहल्ला छावनी में मकान का निर्माण किया। उसे कारोबार में कुछ रुपयों की जरूरत थी। कोरोना के कारण लॉकडाउन लगने से उसकी रुपयों की जरूरत और बढ़ गई। उसने रूबी व उसके परिजनों से 20 लाख रुपये की मांग की। इस पर दोनों के बीच विवाद रहने लगा। दीपक और रूबी के बीच 22 अगस्त की सुबह रुपये के लेनदेन को लेकर कहासुनी हुई और दीपक ने लोहे की मूसली रूबी के सिर पर मार दी। जिससे वह बेहोश हो गई। दीपक को लगा कि रूबी अपने परिजनों को घटना की जानकारी दे देगी। जिसके बाद दीपक ने छुरे से रूबी पर कई वार किए और उसे मौत के घाट उतार दिया। रूबी का शरीर भारी भरकम था। इसलिए उसने रूबी के शव के टुकडे़ किए। फर्स से खून साफ कर शव को बोरे में रखकर गाड़ी में डाल दिया। रात में कार लेकर भलसोना पुल के निकट पहुंचा और शव गंगनहर में डाल दिया। नहर में शव डालकर दीपक घर पहुंचा और अपने मकान में लूट व पत्नी का अपहरण होने की योजना बनाई, लेकिन सफल नहीं हो सकी। वह दोस्तों के साथ हरिद्वार और ऋषिकेश गया। 24 अगस्त को लखनऊ ससुराल भी पहुंचा। लेकिन रूबी की हत्या की भनक नहीं लगने दी। कई दिन तक रूबी से बात न होने पर परिजनों को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस से संपर्क साधा।
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