रुद्रपुर अटरिया मंदिर की महंत माता पुष्पा देवी ने एसडीएम को अटरिया मेले के आयोजन से सम्बंधित कठनाइयों से अवगत कराया, बोलीं- कुछ लोग मेले में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे

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रुद्रपुर। रुद्रपुर निकट जगतपुरा स्थित माता अटरिया मंदिर हिंदुओं की आस्था का एक प्रमुख स्थान है। माता अटरिया मंदिर के प्रांगण में प्रत्येक वर्ष चैत माह में एक विशाल मेले का आयोजन होता है। इस मेले के संबंध में अध्यक्ष/महंत माता पुष्पा देवी अटरिया देवी वैष्णो धर्म सभा (रजि.) रुद्रपुर जिला उधम सिंह नगर ने न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराए जाने के संबंध में उप जिला अधिकारी रुद्रपुर से मुलाकात कर अवगत कराया, कि पुष्पा देवी अटरिया देवी वैष्णो धर्म सभा की अध्यक्ष हैं और ऐतिहासिक एवं पौराणिक मंदिर की पूजारिन एवं महंत भी है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अटरिया मेले का आयोजन 29.3.2023 से श्री अटरिया देवी वैष्णो धर्म सभा द्वारा प्रस्तावित है, किंतु कुछ पूर्व ठेकेदार मेले में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रार्थनी के पास माननीय न्यायालय का आदेश भी है जिसमें यह स्पष्ट रुप से लिखा गया है कि अरशद खान, किशन सुखीजा, पुरुषोत्तम अरोरा, भोला सुखीजा आदि लोगों द्वारा मेला भूमि के आसपास मेला ठेका वसूलने, मुंडन ठेका वसूलने, दुकान लगाने या किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप करने से निषिध किया जाता है, किंतु वे लोग फिर भी शासन-प्रशासन को गुमराह करके एक ऐसी भूमि पर मेला लगाने की योजना बना रहे हैं, जो कि विवादित भूमि है। श्री अटरिया देवी वैष्णव धर्म सभा ने उपजिला अधिकारी रुद्रपुर को अवगत कराया कि उक्त लोगों की ना तो कोई पंजीकृत संस्था है और ना ही उक्त लोगों के पास कोई ऐसी भूमि है जो विवादित ना हो, अरशद खान, किशन सुखीजा, की सभी भूमियों के विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में किसी भी भूमि पर मेला लगाने की अनुमति दिया जाना न्याय संगत नहीं होगा।

पुष्पा देवी ने बताया श्री अटरिया देवी वैष्णव धर्म सभा एक धार्मिक पंजीकृत संस्था है जो कि वर्ष 1981- 1982 से पंजीकृत है। इसी के संरक्षण में हमेशा मेले का आयोजन होता आया है। उक्त संस्था का पंजीकृत संख्या नंबर 1798/1981-1982 है जो कि 24 जून 2025 तक नवीनीकृत है।

महंत पुष्पा देवी ने उप जिलाधिकारी रुद्रपुर से अनुरोध करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए किसी भी विवादित भूमि पर मेला लगाने की अनुमति प्रदान ना की जाए और श्री अटरिया देवी वैष्णव धर्म सभा आयोजित मेले के आसपास दुकानें लगाने, तहबाजारी वसूलने, मुंडन तहबाजारी वसूलने आदि से रोका जाए जिससे मेले को शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराया जा सके।


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