‘ये चीन की अर्थव्यवस्था भारत से बड़ी बता रहे हैं’, जयशंकर पर बरसे राहुल गांधी

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नई दिल्ली। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद बीते दिनों एक इंटरव्यू में चीन की अर्थव्यवस्था को भारत से बड़ी बताकर विरोधियों के निशाने पर आ गए थे। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने उनके इस बयान की आलोचना की थी। वहीं अब रायपुर अधिवेशन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी विदेश मंत्री के बयान की निंदा की है। उन्होंने विदेश मंत्री का नाम लिए बगैर कहा कि एक मंत्री कह रहे हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था हमसे बड़ी है, तो हम उनसे कैसे लड़े। जब अंग्रेज हम पर राज करते थे, तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमसे छोटी थी?यानी जो आपसे ताकतवर है उनसे लड़ें ही मत। इसको कायरता कहते हैं। राहुल ने आगे अडानी मुद्दे का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मैंने संसद में अडानी का मुद्दा उठाया था, तो सरकार के लोग मुझसे खफा हो गए थे। मैंने संसद में एक उद्योगपति पर आक्रमण किया। मैंने सिर्फ एक सवाल पूछा कि मोदी जी आपका अडानी जी से रिश्ता क्या है? पूरी भाजपा सरकार अडानी जी की रक्षा करने लग गई। वे कहते हैं कि जो अडानी जी पर आक्रमण करता वह देशद्रोही है… अडानी जी और मोदी जी एक हैं।

बता दें कि संसद के बजट सत्र के राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से अडानी मुद्दे की जेपीसी से जांच कराए जाने की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने इस मांग पर कोई विचार नही किया। विपक्षी दलों का आरोप है कि जेपीसी की जांच कराने की जगह प्रधानमंत्री मोदी पुरानी बातें उठाकर बैठ गए। वहीं रायपुर अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी ने विचारधारा पर भी अपनी बात रखी। राहुल ने आगे कहा कि अगर जो आपके सामने आपसे ताकतवर, मजबूत है उसके सामने सर झुका दो। हिंदुस्तान के मंत्री चीन से कह रहा है कि आपकी अर्थव्यवस्था हमसे बड़ी है, इसलिए हम आपके सामने नहीं खड़े हो सकते। इसको देश भक्ति कहते हैं क्या? यह कौन सी देश भक्ति है?

बता दें कि बीते दिनों रायपुर अधिवेशन के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दे दिए थे, लेकिन अब पार्टी प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने सोनिया के संन्यास लेने की खबर को महज अफवाह बताया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि सोनिया जी अभी पार्टी के विकास के लिए काम करती रहेंगी।

बीते शनिवार को अधिवेशन के दौरान सोनिया ने अपनी राजनीति यात्रा से जुड़े अनुभव भी साझा किए थे। कहा था कि जब मैंने साल 1998 में, मैं पार्टी की अध्यक्ष बनी थी, तो मुझे कुछ अच्छे अनुभव मिले, तो कुछ बुरे, लेकिन मैंने हर तरह के अनुभव को स्वीकारना सीखा था। बहरहाल, अब आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सोनिया गांधी की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।


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